8.8 Listening
Save Girl Child – Best Indian Ad
सास: बहू, मुझे लड़का ही चाहिये|
बेटी: माँ…माँ…माँ…माँ, अभी तक तो भगवान ने मेरी हाथों पर किस्मत की लकीरें भी नहीं बनाईं और उनसे पहले ही आप सब ने मेरी तकदीर का फ़ैसला सूना दिया?
माँ, मुझे जी लेने दो| अपनी कसम, मैं आपको कभी तंग नहीं करूँगी| जब…जब खाना खाने के बाद, आप सब मीठा खा रहे होंगे तब मैं रसोई में जाकर सारे बर्तन साफ़ कर दिया करूँगी|
माँ, मेरे स्कूल फीस की चिंता भी मत करना, मैं भईया की किताबों से अपने आप ही पढ़ लिख जाऊंगी और हाँ पापा से कहना कि मेरे दहेज़ की चिंता ना करें| मैं आपके साथ रह कर आपके बुढ़ापे का सहारा बनूँगी|
अगर फिर भी आपको लगता है कि मैं आप पर बोझ बनूँगी तो इस ऑपरेशन पर भी खर्चा मत करना| मैं ही भगवान जी से कह दूँगी कि मेरी माँ, मेरा मरा मुँह देखे|
सास: बहू, क्या सोच रही है?
घर चलें! नन्हीं परी के स्वागत की तैयारियाँ भी तो करनी है|
चलो|
Glossary
सास | n.f. | mother-in-law |
बहू | n.f. | daughter-in-law |
लड़का | n.m. | boy |
भगवान | n.m. | God |
किस्मत | n.f. | fate, destiny |
लकीर | n.f. | line |
तकदीर | n.f. | fate, destiny |
फ़ैसला | n.m. | result |
कसम | n.f. | an oath |
रसोई | n.f. | kitchen |
बर्तन | n.m. | pots |
फीस | n.m. | fee |
चिंता | n.f. | worry |
दहेज़ | n.m. | dowry |
बुढ़ापा | n.m. | old age |
सहारा | n.m. | support |
बोझ | n.m. | burden |
नन्हा | adj. | small |
परी | n.f. | fairy |
स्वागत | n.m. | welcome |
तैयारी | n.f. | preparation |
Conversation practice
Conversation 1
सरला: कहाँ जा रही हो विमला?
विमला: बस शहर जा रही हूँ, सरला बहिन|
सरला: क्यों क्या हुआ? सब ठीक तो है न?
विमला: हाँ, सब ठीक है| मैं शहर माइक्रो लोन लेने जा रही हूँ|
सरला: यह माइक्रो लोन क्या होता है?
विमला: क्या तुम्हें नहीं पता? सरकार गरीब महिलाओं को कम ब्याज या बिना किसी ब्याज पर माइक्रो लोन देती है जिससे की हम कोई छोटा-मोटा काम शुरू कर सकें|
सरला: यह तो बहुत अच्छी बात है| क्या यह लोन मुझे भी मिल सकता है| मैं भी एक छोटी सी दुकान लगाना चाहती हूँ, जिसमें मैं अपने बांस से बनी टोकरियाँ और अन्य कई चीजें बेच सकूँ|
विमला: बिल्कुल तुम्हें भी यह लोन मिल सकता है| अगर मेरे साथ अभी चलना चाहती हो तो चलो|
सरला: हाँ हाँ, क्यों नहीं| अभी चलती हूँ|
Conversation 2
डॉक्टर: राधा जी, मुबारक हो! आपकी बहू माँ बनने वाली है|
राधा: जी डॉक्टर साहब, यह तो बहुत ख़ुशी की बात है| क्या मेरी बहू को लड़का होगा|
डॉक्टर: यह तो, मैं अभी नहीं बता सकता, मगर आप यह क्यों पूछना चाहती हैं?
राधा: डॉक्टर साहब, अगर लड़का हुआ तो ठीक नहीं तो इस बार बहू का गर्भपात कराना होगा|
डॉक्टर: क्यों आप ऐसा क्यों कह रही हैं| क्या आपको मालूम है कि गर्भपात कराना ग़ैर-कानूनी है|
राधा: डॉक्टर साहब, तब तो आप ही कोई सलाह दीजिये| मेरी बहू को पहली बार एक बेटी हुई थी और अब हमें बस एक बेटा चाहिए|
डॉक्टर: राधा जी, बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं है| आप किस जमाने की बात कर रही हैं| मैं आपको बता दूँ कि आप होने वाले बच्चे का लिंग जान कर गर्भपात नहीं करा सकती हैं| यह कानून अपराध है और इसके लिए आपको सज़ा भी हो सकती है|
राधा: अरे! मैं तो यह बात नहीं जानती थी डॉक्टर साहब| आपका बहुत शुक्रिया कि आपने मुझे यह बात बता दी|
डॉक्टर: कोई बात नहीं राधा जी, अब इस बेटा-बेटी का अंतर छोड़िये और अपनी बहू के स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिये| इसे हर महीने मेरे पास जाँच के लिए लाइये और इसे पौष्टिक आहार खिलाइए|